Killer Attitude Shayari | किलर एटीट्यूड शायरी
Killer Attitude Shayari उन लोगों के लिए है, जिनका स्वैग लेजेंडरी होता है, जो अपनी शर्तों पर जीते हैं और जिनकी बातों में बेमिसाल ठसक होती है। जलने वालों के लिए नहीं, बस अपनी पहचान बनाने वालों के लिए! तो चलिए, इस शायरी के सफर में खो जाएं और अपने Attitude को लफ्ज़ों में बयां करें।
जिसके मुस्कुराने से लोग खाक हो जाते है
जिसकी ऊंचाइयों से लोग घबराते है,
हम वो है जो
जो अपने हुनर पे इतराते है।
रफ्तार हमारी कोई रोक ना पाए,
आंधियों से कह दो अपनी औकात में आए,
जलने वालों नज़र लगाना छोड़ दो,
हम वो है जो अंधेरों में भी चमक जाए।
शेर की तरह जीते हैं, जंगल हमारा है
हर हाल में चमकें, मुकद्दर हमारा है,
हमसे जलने वालों, जलते ही रहना
क्योंकि जलाने का हुनर भी हमारा है।
हम वो नहीं जो डर के जी लें
हम वो हैं जो खुद से ही जीतें है,
दिखाने दो जलने वालों को आईना
हम बस खुद में ही मस्त रहते है।
जलने वाले जल-जल के राख हो गए
हम अपनी दुनिया में नवाब हो गए,
औकात में रहकर बातें करना
हमारे दुश्मन सब खाक हो गए।
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वो जो बूढ़ा हो गया चल नहीं पाता है
अपनी जवानी का हुनर दिखाता है,
वो अब नौकर नहीं बनना चाहता है
राजा है वो अपनी सलाह से जितवाता है।
हवा का रुख बदलते देर नहीं लगती
हमारी चाल से दुनिया है डरती,
हम वो है जिससे लोग घबराते है
जब हम चलते है अदब से सिर झुकाते है।
हमारी फितरत में नहीं किसी से जलना
हम तो सबको अपनी मेहनत से बढ़ना सिखाते है,
तू अपनी औकात में रहना
अपना लहजा बदलने में देर नहीं लगाते हैं।
हम वो हैं जो खुद की शर्तों पर जीते हैं
हंसे क्या कोई टकराएगा,
दुनिया जलती रहे हमसे कोई फर्क नहीं
जो जलेगा खाक में मिल जायेगा।
हमारे जलवे किसी से कम नहीं
हम खुद में ही मस्त रहते है,
अपनी परेशानी झेलते है खुद ही
किसी को अपने दुख नहीं देते है।
हमसे टकराने की हिम्मत मत करना
हम अपना एटीट्यूट यूं ही नहीं दिखाते है,
जो करता है बदनाम हमे
फिर उसको उसकी औकात याद दिलाते है।
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हम बदलते नहीं, हालात बदल जाते हैं
हम झुकते नहीं, मुकाम बदल जाते हैं,
दिखाने की जरूरत हमें कभी पड़ी नहीं,
मालिक है कौन, गुलामों के झुके सिर बताते है।
जो मुझसे टकराए वो बस खाक हो जाए
मेरी राहों में कदम रखने की सोच भी न पाए,
हमारी दुनिया में हर ख्वाब रौशन रहता है
रुकावटें हमारी पीछे ही छूट जाएँ।
हमारी चाल की आहट काफी है
लोगों के चेहरे सहम जाते है,
महफिलों में सिर झुक जाते है
जिस महफिल में हम जाते है।
हम वो हैं जो किसी से डरते नहीं,
सबके मामले में भिड़ते नहीं,
कोई ना चाहे बुरा जब तक मेरा
उसका बुरा हम करते नहीं।
बिगड़े हुए नवाब है हम
हमसे क्या आंखे दिखाओगे,
हमारे बारे में सोचना ना बुरा
वरना पूरी ज़िंदगी पछताओगे।
हर कदम हो उसका साथ
जब भी वो रखे मेरे कंधे पे हाथ,
दुश्मन थर थर कापे
जब हो उसका मेरा साथ।
हम पर किसी की आँखें ठहरी न सकें
हम खुद पर फक्र रखते है,
जो भी आए हमारे हमारे रास्ते में
उसको खत्म करने का हुनर रखते है।
जो बेवजह भौंकते है
उन्हें हम एक दिन इनाम देंगे,
वो समझ भी नहीं पाएंगे
इतने गहरे ज़ख़्म उनके अंदर डाल देंगे।
तुम क्या बताओगे आसमान छूना
आसमान छूने का हुनर बचपन से जानते है,
हम अपने एटीट्यूट को
बहुत पहले से जानते है।
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