Rajput Attitude Shayari | राजपूत एटीट्यूड शायरी

Rajput Attitude Shayari शेरों सा जिगर और बेखौफ अंदाज़, यही राजपूती शान की पहचान है। ये शायरी राजपूतों की बहादुरी और निडर सोच को बयां करती है। अगर आपके रगों में भी राजपूती लहू बहता है, तो ये शायरी आपको जरूर पसंद आएगी। तो चलिए, चलते हैं इस शायरी की खूबसूरती के सफर में।

हम राजपूत हैं, शेर जैसा जुनून रखते हैं
दुश्मनों भी हमसे भागते है,
जब हमारी आवाज़ आती है
दुश्मन भी हमसे कांपते जाते है।

राजपूत की तलवार पर कभी शक मत करना
यह जहां से निकलती है कयामत मचा जाती है,
जिन रास्तों पर दुश्मन भी चलने से डरते हैं
वहां अपने निशान छोड़ जाती है।

हमारी शान-ओ-शौकत का अंदाजा मत लगा
राजपूत हैं हम, हिम्मत की मिसाल हैं,
दुश्मनों को अपनी धूल चटाने का हुनर
हमारी विरासत से मिला कमाल है।

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हमारे जीने का अंदाज ही अलग है
राजपूत हैं, खून में उबाल खानदानी है,
दुश्मन को हम डरा कर रखते है
दुनिया हमारे एटीट्यूट की दीवानी है।

राजपूत की पहचान तलवार से नहीं होती
उसकी पहचान उसकी जिद की निशानी है,
हम दुश्मनों का खौफ नहीं रखते है
हमारी दुश्मनी होती खानदानी है।

हम राजपूताना शेर है
हम अपने रस्ते खुद बनाते है,
दुश्मनों से हम डरते नहीं
उनकी छाती पर चढ़कर गुर्राते है।

बाज की तरह उड़ते हैं
हम राजपूत हैं, अपना राज खुद चलाते है,
दुश्मन सोचते हैं हमें हराने का सपना
हम उनकी सोच से ही उनको जलाते है।

हमारी हिम्मत को कभी परखना मत
राजपूत हैं हम, मौत को भी मात देते हैं,
जहां तलवार चलती है हमारी
वहां दुश्मनों के वार को पहले ही भाप लेते है।

दिल में इज्जत और हाथ में तलवार रखते हैं,
दुश्मन चाहकर भी हमारी बराबरी नहीं कर सकते,
हम अपनी जान से ज्यादा कुल को प्यार करते है
तभी लोग हमको राजपूत कहा करते है।

हमारा रुतबा देख दुश्मन कांप जाते हैं
हमारी शान पर सवाल उठाने वाले मिट जाते हैं,
राजपूत हैं हम, इज्जत पर आ जाए बात
तो इतिहास तक बदल जाते हैं।

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हम राजपूत हैं, शेरों की तरह जीते हैं
हमारा नाम ही काफी है शान के लिए,
हमारी तलवार की धार ही काफी है
दुश्मनों के अपमान के लिए।

राजपूत की पहचान उसकी बात से होती है
वरना तलवार तो आज भी खून की प्यासी है,
हम दुश्मनी में भी वफादार रहते हैं
मगर धोखा देने वालों को माफ नहीं करते है।

हमारे खून में जोश भी है और जुनून भी
राजपूत हैं हम, हर वक्त मरने को तैयार रहते हैं,
मौत से खेलने का हुनर हमें विरासत में मिला है
दुश्मन भी हमको राजपूताना सरदार कहते है।

राजपूत की शान पर कोई आंच नहीं आने देंगे
जान जाए पर कोई बात नहीं आने देंगे,
कटा देंगे सिर भी अगर हमसे टकराए
पर राजपूताना शान के खिलाफ कोई बात नहीं जाने देंगे।

हम राजपूत हैं, दिल से खेल नहीं खेलते
मुकाबला करते हैं और इतिहास रचते हैं,
जहां भी कदम रखते हैं,
अपनी मंजिल की बुनियाद खुद रखते है।

राजपूत की ताकत पर शक मत करना
हम जब भी लड़ाई में उतरते है,
दुश्मन को भी नज़रे झुकानी पड़ती हैं
फिर मैदान में हमारे ही झंडे ऊपर चढ़ते है।

हमारी रगो में सिर्फ खून नहीं
हमारी आन-बान और शान की पहचान है,
राजपूत हैं हम, जब भी सिर उठाते हैं
छोड़ जाएंगे दुश्मन मैदान है।

राजपूत की तलवार जब चलती है,
तो दुश्मनों की सल्तनत हिल जाती है,
हम वो हैं जो जंग में भी इज्जत निभाते हैं,
और दुश्मन की सोच को मिट्टी में मिल जाती हैं।

हमारी हिम्मत और हौसले से मत खेलना
हम, इतिहास बनाने का हुनर रखते हैं,
जो हमसे टकराता है उसकी छोड़ते नहीं
राजपूताना दोस्तो की कदर करते है।

हम वो राजपूत हैं, दोस्ती में जान दे देते हैं
दुश्मन को मैदान में नहीं छोड़ते,
हमारी शराफत को कमजोरी मत समझना
हम अगर नाराज़ हो उसकी तरफ रुख नहीं मोड़ते।

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