Dard Sad Shayari | दर्द भरी दुखी शायरी

Dard Sad Shayari उन जज़्बातों की कहानी है जो कहे नहीं जाते, बस महसूस होते हैं। ये शायरी टूटे दिल, खामोश दर्द और तन्हा लम्हों को अल्फ़ाज़ देती है। पढ़िए और शेयर करें वो शायरी जो आपके दर्द को बयां कर सके। तो चलिए चलते हैं इस जज़्बातों से भरे सफर पर।

ज़ालिम थी दुनिया
तूने भी खूब सिला दिया,
ज़ख्म इतने दिए मुझे
मैने तेरी मोहब्बत भुला दिया।

मेरे जाने के बाद
तेरे नखरे और कौन सहेगा,
अब-ए-महबूब मेरे
तुझे प्यार से महबूबा कौन कहेगा।

नाम तो बदनाम हो ही जाएगा
इश्क मेरे क्या काम आयेगा,
छोड़ गया तो जाने दो
एक शख्स के लिए कितना रोया जाएगा।

मुझे मैं समझने लगा हूं
प्यार से डरने लगा हूं,
मोहब्बत में मिलती है रुसवाई
तुम्हारी यादों में बिखरने लगा हूं।

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समेटे लिया है खुद को खुद में
दर्द दिया तेरा सहता जाएंगे,
मोहब्बत में छोड़ गई अधूरा
तुझे हम बेवफा बताएंगे।

हर शाम के साथ वो आती है
तुम्हारी याद बहुत सताती है,
कह दो शाम से ढल जाए जल्दी
तुम्हारी यादें आंख में आसू लाती है।

प्यार तो एक बहाना था
तुमको मेरा दिल दुखाना था,
तुम पास आया ही क्यों
जब तुम्हे मुझसे दूर जाना था।

बेवफाई का मंजर अजीब होता है
दिल तोड़ने वाला दूर चला जाता है,
छोड़ जाता है साथ
यादों में जीने पर मजबूर कर जाता है।

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दिल का हाल किसी ने नहीं कहता हूं
सब कुछ चुपचाप सहता हूं,
अब नहीं होता मुझ से प्यार
मैं बस खुद में ही रहता हूं।

दूरी में बेवफाई ना हो
कौन नहीं चाहता है,
प्यार तो है ही ज़ालिम
पल – पल तड़पाता है।

वादे तो बहुत थे तुम्हारे प्यार में
पर एक भी निभा ना सके,
कम नहीं होता प्यार दूर जाने का
रूठी मैं फिर तुम मना ना सके।

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मैं अब दूर रहता हूं
नहीं चाहता मैं मोहब्बत करना,
क्यों किसी की याद में जीना
क्यों किसी की याद में मरना।

एक पल की बात थी
मुस्कुरा तो लेने देते,
गलती इतनी बड़ी भी नहीं थी
मोहब्बत करने की सज़ा तो ना देते।

हर दिल प्यार मांगता है
तुमने ही दिल को आसरा दिया,
कौन जनता था अंजाम प्यार का
जिंदा दिल को तुमने मार दिया है।

प्यार के रंग में चढ़ कर
दिल की नहीं सुनते है,
आखिरी पल तक वादे
निभाने के सपने बुनते है।

दो चार नहीं एक ही वादा था
तुमसे प्यार करने का पूरा इरादा था,
तुम्हारा साथ ज़िंदगी भर हम निभाते
तुम साथ देते तो अकेला छोड़ के नहीं जाते।

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हर पल तुम्हारे साथ रहता
मोहब्बत का भ्रम हमारा बना रहता,
छोड़ने पे ये भी ना सोचा
तुम्हारे बाद सहारा हमको किसका रहता।

उमर गुज़र जाती है
वफाएं निभाने में,
नहीं आता ऐतबार बाद
दिल टूट जाने के।

हर ख्वाब सज़ा दिया था
मुझे अपना बता दिया था,
फिर दिल तोड़ कर मुझे
बेवफा बना दिया था।

ज़रा सी आहट से लगता तुम हो
तुम तो मेरे वजूद से ही मिट गए,
चले ही जाते ज़िंदगी से मेरी
तुम तो मेरी यादों में ही सिमट गए।

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