Attitude Sad Shayari | एटीट्यूड सैड शायरी

Attitude Sad Shayari उन जज़्बातों की कहानी है जो दर्द के बीच भी अपनी शान और हिम्मत को बनाए रखते हैं। ये शायरी दर्द को भी स्टाइल के साथ बयां करती है। पढ़िए, महसूस कीजिए और शेयर करें ये खास शायरी। तो चलिए चलते हैं इस खास सफर पर।

अभी है उदास
अभी ना वार करो,
हम भी देंगे घाव
बस थोड़ा इंतेज़ार करो।

ज़ोर से बोलो
अब तुम्हे मेरा खौफ नहीं,
एटीट्यूट दिखा रहे हो
मतलब अब जीने का शौक नहीं।

गम में भी मुस्कुराउंगा
हंसते हुए दुनिया से जाऊंगा,
जो मन ही कह लो पीठ पीछे
हम Attitude ऐसे ही दिखाएंगे।

आंखों में आंसू है
तुझ को दुनिया से हटा देंगे,
हम उस बस्ती से है
जो तेरी हस्ती मिटा देंगे।

थोड़ा उदास हूं ज़िंदगी में
फिर भी सबके काम आऊंगा,
Attitude है इतना ज़िंदगी में
तेरे आगे ना गिड़गिड़ाऊंगा।

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तुझे पाने के लिए
सब कुछ अपना लुटा दूंगा,
आ जाऊं अगर ज़मीन पर तब भी
अपने Attitude से मुस्कुरा दूंगा।

शेर कमज़ोर पड़ जाए तो
गीदड़ खुशी मानते है,
हम दहाड़ दे ग़म में भी
अच्छे अच्छे सिर झुकाते है।

Attitude इतना है
किसी को अपना नहीं बनाते,
कितने भी दर्द दे ज़िंदगी
हम किसी के आगे सिर नहीं झुकाते।

बहुत ग़म मिलते है
ज़िंदगी एक जंग है,
सारे दर्द सहकर भी
तुम्हारा भाई दबंग है।

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फिजूल की बात नहीं करता
लोगो को औकात में लाता हु,
जो ना माने बात मेरी
वक्त आने पे पछतावा दिलाता हूं।

मेरी कमज़ोरी में
फायदा ना उठाना,
आंखे नीची रखना
Attitude ना दिखाना।

अभी दिन उदास है
लेकिन हमदर्दी की आस नहीं,
जिगरा है इतना एटीट्यूट का
जी लेंगे तब भी जब कोई पास नहीं।

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दिल से साथ निभाता हु
अपनी महफिल सजाता हूं,
किसी से लड़ाई करता नहीं पहले
जो करे उसको एटीट्यूट दिखाता हूं।

काम नज़रे झुकाने वाला नहीं करते
हालात जितने भी बुरे हो,
लड़ जाते है अपने बल पे
अपनी बात से नहीं मुकरते।

दुखी हो मतलब ये नहीं
जो मन हो सुनाते रहो,
झुकते है तुम्हारे बाप दर पे
कान पकड़ो अपनी औकात गिनाते रहो।

दिन बुरे है सुनता जाऊंगा पर
उतना ही बोलो जुबान से,
अगर हमने बोला फिर जिगरा रखना
सुनने का अपने कान से।

वक्त पर समझना सीखो
वक्त दुखी कर जाता है,
जिसने दिखाया है Attitude
ध्यान रखो वक्त सबका आता है।

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चेहरे पे सुकून रखता हूं
दर्द सहकर आगे बढ़ता जाता हु,
Attitude में रहता हूं
अपने दुश्मनों को औकात दिखाता हूं।

नज़रों में वो लोग
बस जाते है,
जो ज़िंदगी में बेमतलब
एटीट्यूट दिखाते है।

खुद्दारी में जीता हूं
किसी के आगे हाथ नहीं फैलता,
जो दिखाता है अपना एटीट्यूट
उसकी औकात हूं दिखाता।

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