Deep Shayari On Life | ज़िंदगी पर गहरी सोच की शायरी

Deep Shayari On Life ज़िंदगी के गहरे मतलब और जज़्बातों को बेहतरीन अल्फाज़ में बयां करती है। ये शायरी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी और दिल को छू जाएगी। पढ़िए और शेयर करें ये खास शायरी। तो चलिए चलते हैं इस गहराई भरे सफर पर।

ज़िंदगी की डोर है ये
रोज़ उलझ जाती है,
सुलझाने के बाद ही
उम्मीद फिर नज़र आती है।

रोज़ नए ख्वाब दिखाती है
रोज़ नई उम्मीद जगाती है,
ज़िंदगी ऐसे ही खेल दिखाती है
हर मोड़ पे हमको रुलाती है।

ज़िंदगी ने छीना बहुत है
एक दिन हिसाब लेंगे,
जो दर्द मिले है मुझे
ज़िंदगी को बेहिसाब देंगे।

ख्वाबों का बोझ उठाया है
हर मोड़ पे खुद को आज़माया है,
टूट कर भी मुस्कुरा दिया ज़िंदगी में
ऐसे ज़िंदगी को मैने हराया है।

रास्ते हर बार बदलेंगे
हर चेहरे पे नकाब होगा,
जो शख्स करेगा वफ़ा की बातें
वो बेवफा बेहिसाब होगा।

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ज़िंदगी सब को आजमाती है
सबके हिस्से का दुख दे जाती है,
कोई नहीं बचता इसके दुख से
ये सब को मज़ा चखाती है।

ज़िंदगी के दर्द में दब जाते हैं
कभी हंसते कभी रुलाते है,
जा कोई करता है मदद कहते है शुक्रिया
जब खुद की बारी आती है तो भूल जाते है।

तन्हा सफर है, साथी कोई नहीं
हर मोड पे तनहाई नज़र आती है,
ये ज़िन्दगी किसी को नहीं बक्शती
सब को बारी बारी रुलाती है।

कभी जला दिया उम्मीदों को
कभी सजा दी ख्वाहिशों को,
हर लम्हा ज़िंदगी इम्तिहान लेती है
ज़िंदगी हर खुशी के बाद ग़म देती है।

ज़िंदगी में जब वक्त अच्छा हो
सब साथ देते है,
बुरा वक्त आने पर
भाई भी अपना हिस्सा बांट लेते है।

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आइने में देख के कहता हूं
मैं ज़िंदगी में क्या से क्या होता जा रहा हूं,
मैं हो ही कौन? मिट्टी
खुद को लालच में डुबोता जा रहा हूं।

सफ़र में हर कोई बदल जाता हूं
चेहरा पुराना, नाम नया पाता हूं,
ऐसे ही चलती है ज़िंदगी
हर मोड़ में बदले लोगों से मिल जाता हूं।

रोज़ नए लोगों से मिलवाती है
नए चेहरे रोज़ दिखाती है,
ज़िंदगी ऐसी ही है
रोज़ गिरकर चलना सिखाती है।

हज़ारों लोग मिलेंगे ज़िंदगी में
सब अपने नहीं हो जाते है,
जो रुक जाते है ज़िंदगी भर
वही जीने का मतलब हमे बताते है।

सफर ज़िंदगी का हसीन रखना
यहां बहुत से काटें आयेंगे,
मिलना सब से मुस्कुरा के
यही मुस्कुराहट से पहचाने जाएंगे।

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थक जाता हूं ज़िंदगी से
तो बैठ जाता हूं मिट्टी पे,
क्या लेकर आएं क्या लेकर जाएंगे
मिट्टी है एक दिन मिट्टी में मिल जाएंगे।

वक्त से बढ़कर कोई दवा नहीं
ये हर ज़ख़्म भर देता है,
कोई पूछे ज़िंदगी से
क्या कोई इतनी सज़ा देता है।

हर बार चाहा तुमको
हर बार तुमने धोखा दिया,
ज़िंदगी एक बार मिलती है
अफसोस मैने तुमको मौका दिया।

हर मोड पे अपना बताया
फिर मुझे गैर बताया है,
मैने ठोकर खाकर ज़िंदगी में
अपना नसीब बनाया है।

अपना कहकर पराए हो जाए है
ज़िंदगी में लोग धोखा दे जाते है,
जब पड़ता है वक्त काम का
तब ही लोग असली चेहरा दिखाते है।