Dosti Bharosa Shayari | दोस्ती भरोसा शायरी
Dosti Bharosa Shayari में पढ़ें सच्ची दोस्ती और भरोसे की अहमियत को बयां करती दिल छूने वाली शायरियां। जब दोस्त पर यकीन और वफादारी जतानी हो, तो इन शायरियों से बेहतर तरीका कोई नहीं। शेयर करें अपने खास दोस्तों के साथ और मजबूत करें दोस्ती का रिश्ता भरोसे और मोहब्बत के साथ।
भरोसा रखना दोस्ती पे
दोस्ती हस के जताई जाती है,
अगर दोस्त की आंख में हो आंसू
तो आंसू पोछ के जताई जाती है।
भरोसा है जिसके ऊपर
जिसके साथ संभाला होश है,
जिसने निभाया हर पल साथ
वो ही मेरा असली दोस्त है।
दोस्ती अपनी मिसाल हो
भरोसा ऐसे ही बना रहे,
हर मुश्किल में रहे खड़ा
लोग उमर भर मेरा दोस्त कहे।
भरोसे की डोर में बंधे हैं
सच्ची यारी के धागे,
डर है टूटे ना ये रिश्ता कभी
की अपनी नज़र ना लगा दे।
हर मोड़ पे साथ चाहिए
भरोसे का हाथ चाहिए,
जी बिन मत मतलब निभाए दोस्ती
ऐसा दोस्त हर बार चाहिए।
दोस्ती में अगर सच्चाई हो
तो भरोसा जीत लेती है,
सच्चे दोस्त की दोस्ती
हर सुख दुख में साथ देती है।
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भरोसे की दोस्ती
हर ग़म भुला देती है,
जब भी हो दुखी
हंसने की वजह देती है।
भरोसे से होती है दोस्ती
ये हर मोड़ पर साथ देती है,
जब होते है सब पराए
तब गले लगाकर अपना कहती है।
कभी साथ ना छोड़ना
तुम्हारी दोस्ती पे हमे नाज़ है,
मैं खुश हूं ग़म में भी
क्यूंकि मेरा भरोसेमंद दोस्त पास है।
तुम साथ देना मेरा
एक दोस्त की दोस्त को समझ पाता है,
जब भी लगने लगता है सूनापन
दोस्त का भरोसा हिम्मत दिलाता है।
दोस्ती का फर्ज़ निभाना है
हर मोड़ में साथ देते जाना है,
जब भी आए मुश्किल कोई
हाथ थाम के भरोसा जताना है।
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कितना भी संभाल लूं
कुछ रह ही जाता है,
मेरे दोस्त मुश्किल में गले लगाकर
मुझे अपना भरोसा दिखाता है।
दोस्ती का रखना मान
भरोसे का रखना सम्मान,
दोस्त होते है भाई से बढ़कर
बन जाते है दोस्त का शान।
भरोसा हो दोस्त पर
तो हर राह आसान हो जाती है,
कितनी भी हो मुश्किल
दोस्ती राह दिखाती है।
दोस्ती में साथ दे जाना
भरोसे की लौ जलाना,
खुश रहो दोस्त की खुशी में
दोस्त में किया वादा निभाना।
सच्चा यार वही कहलाए
जो भरोसे पे खरा उतर जाए,
हर मोड़ पे साथ निभाए
हो लड़ाई तो गले लगाकर भूल जाए।
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भरोसे की डोर मजबूत रखना
यारी का रिश्ता जुड़ जायेगा,
जब होगी तुझे ज़रूरत
अपने दोस्त को साथ खड़ा पाएगा।
दोस्ती में लड़ाई चलती है
हर लड़ाई तुझे पास लाएगी,
अगर होगा भरोसा दोस्ती में
तो दोस्ती उमर भर साथ निभाएगी।
भरोसा रखकर दोस्ती में
बहुत ऊपर तक जाना है,
दोस्त हो जाए अगर नाराज़
गले लगाकर उसकी मनाना है।
जिम्मेदारी अहसास करा देती है
हर मोड़ पर सज़ा देती है,
जब हो भरोसा दोस्ती में
तो बड़े बाद पहाड़ हिला देती है।
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