I Hate My Life Shayari | आई हेट माई लाइफ शायरी
I Hate My Life Shayari उन दर्द भरे जज़्बातों को बयां करती है जब ज़िंदगी से नाखुशी और बेचैनी होती है। ये शायरी आपके दिल की आवाज़ बनकर सामने आती है, जो अंदर छुपे ग़म को बाहर लाती है। पढ़िए और महसूस करें ये खास शायरी। तो चलिए चलते हैं इस एहसास के सफर पर।
जो दर्द दिए तूने ज़िंदगी
एक दिन सब गिनाऊंगा,
बारी बारी करके
एक दिन तेरे सारे हिसाब चुकाऊंगा।
नफ़रत है इस ज़िंदगी से
हर मोड़ पे दर्द पाया है,
जिसने समझा अपना
गैरो में उसने मुझे गिनवाया है।
टूट गई हिम्मत सारी
अब ना ज़िंदगी से प्यार है,
जो दिखाए झूठी मोहब्बत
ऐसे मोहब्बत से इनकार है।
हर मोड़ पे सबक सिखाया है
ज़िंदगी ने बहुत रुलाया है,
जब कोई नहीं मिला अपना
ज़िंदगी ने ही गले लगाया है।
सारे ख्वाब मिटा दिए
अपना को भी पराया किया,
जब जब चाहा ज़िंदगी को
ज़िंदगी ने मरने की वजह दिया।
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क्या बचा है खास
जो इस ज़िंदगी को जिया जाए,
क्यों ना मौत से सौदा करे खुद का
खुद ही इसे तबाह किया जाए।
दर्द भरी ज़िंदगी से
कब तक लड़कर जीयेंगे,
एक दिन हार जाएंगे
ज़िंदगी का पीछा कब तक करेंगे।
अब किसे हाल बताऊं
सब पराए लगते है,
जिनके थे प्यारे हम ज़िंदगी में
आज उन्हीं की आंखों में खटकते है।
मुझे मैं अच्छा नहीं लगता
कोई साथ नहीं देता है,
ज़िंदगी कहती है बेगानी
कोई मुझे अपना नहीं कहता है।
सोचा था जीयेंगे ज़िंदगी
तो सुकून मिल जाएगा,
क्या पता था ये दर्द
हर मोड़ पे हमे रुलाएगा।
मर जाऊंगा तो
तुमको सुकून आ जाएगा,
कहती हो बहुत तंग करता हूं
फिर ये शख़्स तुमको नहीं सताएगा।
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ज़िंदगी से बहुत प्यार था
मुझे हर सुख दिखाती थी,
फिर हुई ऐसी नफरत
हर मोड़ पे गैर बताती थी।
अब चैन नहीं आता मुझे
ये ज़िंदगी मेरी ले जाओ,
आंख बंद करता हूं मैं
मेरा सुकून मुझे दे जाओ।
मुझे हर मोड़ पे रुलाया है
जब कहां अपना,
मुझे दर्द से मिलवाया है
हर मोड़ खुद से नफरत करवाया है।
ज़िंदगी तो मज़ाक थी
अब समझ में आया है,
नफरत हो गई है इससे
हर मोड़ पर ज़िंदगी ने रुलाया है।
रिश्ते सब फरेब निकले
अपनों ने ही ज़हर पिलाए है,
अब ज़िंदगी से नफरत है
तन्हाई हम साथ लाए है।
हर खुशी बेइमानी है
यादें सब पुरानी बेकार है,
ज़िंदगी भी उधार की
बस मौत का अब इंतेज़ार है।
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टूट गई हिम्मत सारी
अब जीने को मन नहीं करता,
रोज़ मिलता है नया दर्द
दिल अब ज़िंदगी से नफरत है करता।
हर दुआ में मांगा है
अधूरी ज़िंदगी मिल जाए,
कभी तो मुस्कुराऊं मैं भी
कभी तो कोई खुशी मिल जाए।
सभी राज़ फाश हो जाएंगे
ज़िंदगी हम भी तुझे सताएंगे,
दूर जाएंगे एक दिन तुझसे
सारे दर्द यही छोड़ जाएंगे।